इतिहास
श्री लक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय माँ सीता की अवतरण भूमि पर सीतामढ़ी में अवस्थित एक ख्याति प्राप्त उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में प्रख्यात है | इसकी स्थापना समाज के उन वर्ग के आकाँक्षाओं का प्रतिक है जो उच्च शिक्षा को समाज से वंचित तथा उपेक्षित तबके के लिए सुलभ करवाना चाहते थे | सन १९७० में दिवंगत किशोरी लाल साह का संकल्प , दूर दृस्टि तथा दृढ निश्चय इस महाविद्यालय के रूप में सामने आया | उन्होंने अपने भाई स्व लक्ष्मी साह के संयुक्त नाम से इसकी स्थापना की |
संस्थापक का सपना आज परवान चढ़ रहा है | १९८० में अंगीभूतिकरण के पश्चात इस महाविद्यालय को राज्य के विद्वान शिक्षाविदों का भारी सहयोग प्राप्त हुआ है |आज यहाँ कला विज्ञानं तथा वाणिज्य निकायों में स्नातक प्रतिष्ठा स्तर के अध्यापन की सुविधा का लाभ न सिर्फ इस क्षेत्र के छात्र – छात्रा वरम पड़ोसी देश के छात्र – छात्रा भी ले रहे हैं |सुयोग्य , कर्मठ तथा प्रतिबद्ध प्राध्यपकों द्वारा अधयापन तथा शोध कार्य का निष्पादन किया जा रहा है | स्तरीय प्रयोगशाला तथा समृद्ध पुस्तकालय इस महाविद्यालय की विशेषता है |
अभी महाविद्यालय प्रशासन ने एक महत्वाकांक्षी विस्तार योजना के तहत महाविद्यालय परिसर का विस्तार शांति नगर स्थित अपने जमीन परिसर में करने का निश्चय किया है | इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन सहित समाज के सभी वर्गों का भरी सहयोग प्राप्त हो रहा है | जिसके लिए हम उनके आभारी हैं |